Wednesday, February 12, 2020

जीवन

जीवन एक रंगमंच है और हम सभी इस रंगमंच के कलाकार हैं, बस देखना ये है कि कौन अपना किरदार कितनी बाखूबी से निभा पाता है



 बड़ा भोला सादा बड़ा सच्चा है तेरे शहर से तो मेरा गांव  अच्छा है
वहाँ मैं मेरे पिता के नाम से जाना जाता हूँ
और यहाँ मैं मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ
वहाँ फटे कपड़ों में भी तन को ढका जाता है
यहाँ खुले बदन पर टैटू छापा जाता है
यहाँ कोठी हैं, बंगले हैं और कर हैं
वहाँ परिवार है और संस्कार हैं
यहाँ चीखों की आवाजे दिवार से टकराती है
वहाँ दूसरों की सिसकियाँ भी सुन ली जाती हैं
यहाँ शोर शराबे में कहीं  खो जाता हूँ
वहाँ टूटी खटिया पर भी आराम से सो जाता हूँ
मत समझो कम हमें की हम गांव से आये हैं
तेरे शहर के बाजार मेरे गांव ने ही सजाये हैं
वहाँ इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते हैं
चल आज हम उसी गांव में चलते हैं 








जीवन

जीवन एक रंगमंच है और हम सभी इस रंगमंच के कलाकार हैं, बस देखना ये है कि कौन अपना किरदार कितनी बाखूबी से निभा पाता है   बड़ा भोल...